सोलर पैनल क्या होते हैं और कैसे काम करते हैं? | Newstaja24

सौर पैनलों और उनकी कार्यप्रणाली के बारे में मूलभूत जानकारी। सौर ऊर्जा पर अपना ज्ञान बढ़ाएँ। Newstaja24 पर और पढ़ें।

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1 सोलर पैनल की मूलभूत जानकारी

सौर पैनल फोटोवोल्टिक प्रभाव नामक टेक्निकके माध्यम से बिजली उत्पन्न करने के लिए सूर्य के प्रकाश का उपयोग करते हैं इसे यह काम फोटोवोल्टिक (PV) सेल्स के माध्यम से करता है जो सोलर पैनल की सतह पर लगे होते हैं। यह एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है जिसे अब अधिकाधिक घरों और व्यावसायिक स्थानों में अपनाया जा रहा है।

2 सोलर पैनल के प्रमुख प्रकार

  • पॉलीक्रिस्टलाइन (Polycrystalline Solar Panel)- ये सबसे पुरानी तकनीक में बनाये जाने वाले मल्टी क्रिस्टल सोलर पैनल होते हैं। इनकी औसतन दक्षता 17% है। ये नीले रंग के होते हैं। इस प्रकार के सोलर पैनल सिर्फ धूप होने पर ही कार्य करते हैं। बादल या मौसम के खराब होने पर ये विद्युत उत्पन्न नहीं करते हैं।
  • मोनोक्रिस्टलाइन (Monocrystalline Solar Panel)- सामान्यतः काले रंग के मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल, पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल की तुलना में महंगे होते हैं पर इनकी विद्युत उत्पन्न करने की दक्षता उनसे अधिक औसतन 21% होती है। धूप होने पर भी एवं बादल होने पर भी ये बिजली बनाते हैं।
  • बाइफेशियल (Bifacial Solar Panel)- ये सबसे आधुनिक तकनीक से बनाये जाने वाले सोलर पैनल हैं। इनके द्वारा दोनों ओर से विद्युत का निर्माण किया जाता है। इसलिए इनकी दक्षता अन्य दो की तुलना में अधिक होती है। वर्तमान में भारतीय बाजारों में कम है क्योंकि ये अधिक महंगे होते हैं।

3 सोलर पैनल क्या है, यह कैसे बिजली बनाता है

सोलर पैनल सूर्य की किरणों को अवशोषित करके उसमें से ऊर्जा को अलग-अलग चरणों में परिवर्तित करता है। PV सेल्स में जब सूर्य की रोशनी पड़ती है, तो यह इलेक्ट्रॉनों को गतिशील करता है, जो एक बिजली की धारा उत्पन्न करते हैं। फिर इस बिजली को उपयोग के लिए इनवर्टर की मदद से AC करंट में बदला जाता है।

4 सौर ऊर्जा लगवाने में कितना खर्चा आता है

सोलर पैनल की खरीदारी और स्थापना की लागत विभिन्न चीज़ों पर निर्भर करती है, जैसे पैनल की क्वालिटी, आपके घर का स्थान, और पैनल की संख्या। 1 किलो वॉट का सौर ऊर्जा सिस्टम स्थापित करने में ₹40,000 तक का खर्च आ सकता है।

ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टमसोलर पैनल की कीमत (रूपये)इन्वर्टर की कीमत (रूपये)कुल लागत (रूपये)
1 KW35,000 ₹ – 50,000 ₹10,000 ₹ -25,000 ₹50,000 ₹ – 80,000 ₹
2 KW50,000 ₹ -70,000 ₹15,000 ₹ -30,000 ₹ 1 Lakhसे 2 Lakh
2.5 KW70,000 ₹ -1 Lakh30,000 ₹ -50,000 ₹ 1.25 Lakhसे 2 Lakh
3 KW1.20 Lakhसे 2 Lakh50,000 ₹ -1 Lakh1.50 Lakhसे 3 Lakh
5 किलोवाट2.50 Lakhसे 5 Lakh1 Lakh-2 Lakh3.50 Lakhसे 6 लाख

5 माउंटिंग स्ट्रक्चर और इनवर्टर की लागत

माउंटिंग स्ट्रक्चर, जिस पर सोलर पैनल लगाए जाते हैं, और इनवर्टर की लागत सेटअप का महत्वपूर्ण भाग है। माउंटिंग स्ट्रक्चर की कीमत ₹5000 से ₹15,000 तक हो सकती है, जबकि इनवर्टर की कीमत ₹25,000 से ₹1,20,000 Lakh तक जा सकती है।

6  मेंटेनेंस चार्ज और सेवा की लागत

सोलर पैनल का रखरखाव सामान्यत: कम होता है। अधिकांश सेटअप्स को सालाना साफ करने की जरूरत होती है, जिसकी लागत ₹1,000 से ₹3,000 तक हो सकती है। समय-समय पर पैनल की जांच और मरम्मत की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन यह भी ज्यादा महंगा नहीं होता।

सोलर पैनल से होने वाली बचत

  • बिजली के बिल में कटौती

सोलर पैनल स्थापित करने का प्रमुख लाभ बिजली के बिल में कमी है। एक बार सेटअप हो जाने के बाद, यह आपकी बिजली की जरूरतों को पूरा करता है और आपके मासिक बिजली बिल को काफी हद तक कम कर सकता है।

  • सरकार द्वारा मिलने वाली सब्सिडी और प्रोत्साहन

भारत सरकार सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी भी प्रदान करती है। यह सब्सिडी विभिन्न योजनाओं के तहत मिलती है और आपकी खर्च को 20% से 40% तक कम कर सकती है।

  • बिजली की बिक्री और निवेश पर रिटर्न

अगर आपने ज्यादा सोलर पैनल लगाए हैं और अतिरिक्त बिजली उत्पन्न हो रही है, तो आप इसे बेच भी सकते हैं। इससे आपको सालाना अच्छा रिटर्न मिल सकता है, जिससे आपकी निवेश की गई राशि जल्दी रिकवर हो जाती है।

सोलर पैनल के लाभ

पर्यावरणीय लाभ : सोलर पैनल के प्रयोग से CO2 उत्सर्जन में कमी आती है और यह पर्यावरण के लिए बहुत अनुकूल होता है। यह हरित ऊर्जा स्रोत है जो हमारे पर्यावरण को सुरक्षित बनाता है।

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